ऋतुगंध वसंत वर्ष १३ अंक १
जळी स्थळी दिसे |
तीज एकमात्र |
कृष्ण च सर्वत्र |
राधेश्याम || १
ध्यानी मनी तोचि |
देवकी नंदन |
करिता मंथन |
हरीनाम || २
अविरत करी |
हरिचे चिंतन |
बोलती कंकण |
कृष्ण कृष्ण || ३
सोड ना अक्रूरा |
कोसती गोपिका |
विनवी राधिका |
क्षणोक्षणी || ४
नको जाऊ कृष्णा |
कैसे केंठू दिन |
जीव होतो क्षीण |
तुजवीण || ५
मुरलीचे वेड |
लावितो मुरारी |
भाळिते बावरी |
राधाभोळी || ६
नाद मुरलीचा |
हरपतो भान |
राधिकेचे ध्यान|
सदाकाळ || ७
राधा रमणचे |
प्रेमच आगळे |
जगी या वेगळे |
सर्वाहून || ८
मूर्तिमंत प्रेम |
भक्तीचे प्रतीक |
प्रेम हे सात्विक |
राधेकृष्ण || ९
रमण राधेचा |
आत्मा एकरूप |
प्रगटला दीप |
अद्वैताचा || १०
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